उत्तराखण्ड में जमीनों का फर्जोवाड़ा सरकार
जिम्मेदार
उत्तराखण्ड एक देवभूमि है परन्तु इस
देवभूमि पर कुछ भू-माफिया दानव भी बस गये है। इन दानवों को बसाने वाला कोई ओर नही
बल्कि प्रशासन ही है । तहसील और रजिस्ट्री विभाग की मिलीभगत के कारण सरकार और
उत्तराखण्ड देहरादून के कुछ लोगो की जमीन भू-माफिया के द्वारा बेच दी गयी है। कारण
रहा तहसील और रजिस्ट्री विभाग में रिश्वत लेकर जमीन के असली मालिक के रिकार्ड जमीन
की रजिस्ट्रीयां गायब कर दी गयी और उनके स्थान पर फर्जो जमीन की रजिस्ट्री बनाकर
भू-माफियाओ ने बेच दी इतना ही नही सरकार हमेशा से इस कुकृत्य में सहयोगी रही
क्योकि जो जमीन बन्दोबस्त मे थी प्रशासन ने आँनलाईन अपलोड नही की ताकि जमीन के
रिकार्ड मिटाये जा सके और रजिस्ट्री विभाग और तहसील की मिलीभगत से जमीन के असली
मालिकों के रिकार्ड मिटा दिये गये। और भू-माफिया के रास्ते आसान होते गये। यहाँ तक
कि सरकार की सौ करोड़ की जमीन भू-माफिया बेच गये। मन्त्रीगणों को तो चुनाव के लिये
चन्दा चाहिये वो भला भू-माफिया जैसे अपराधी के खिलाफ क्यों जायेगे। भारत देश में
जनता का जागृत होना बहुत जरूरी है जनता देश के लिये नही सोचती क्योकि जनता भटकी
हुयी है कुछ नेतागणों ने अपने फायदे के लिये जनता की मानसिकता पर अपना कब्जा जमा
लिया है ।https://youtu.be/G7fMgEl2arg?
हर पाँच साल में जनता लुटती है और फिर
घूमफिरकर उसे ही वोट देती जो सरकार उसका बेवकूफ बना रही है।जनता के हाथ में कुछ
नही है ।
सरकार जाँच एजेन्सीयो का उपयोग विपक्ष के
खिलाफ कर रही है। सरकार को देश व उसकी जनता पर ध्यान देना चाहिए और उत्तराखण्ड में
जो जमीन के फर्जोवाड़े खुले आम हुए है उसकी जाँच सीबीआई से करानी चाहिए मगर सरकार
खामोश है आखिर क्यों।
इन
जॉच एजेन्सीयों का सदुपयोग होने चाहिए जनता की भलाई के लिये न कि विपक्ष को
फसाने के लिये।
वकील विरमान जमीन फर्जोवाडा आप इस लिंक पर क्लिक
करके देख सकते है
https://youtu.be/xd10XppyQq8?
उत्तराखण्ड में फर्जो हस्ताक्षर करने वाला
गिरोह भी पकड़ा गया है
मोजा कांवली विजय पार्क एक्सटेशन में खाता
संख्या 851 व खसरा नम्बर 191 जमीन को भी फर्जो तरीके से जमीन हथिया ली गयी है।
उत्तराखण्ड मुख्यमन्त्री से जब इस जमीन की शिकायत की गयी तो कोई कार्यवाही नही
हुई। इस जमीन की असली रजिस्ट्री गायब करके इसके स्थान पर फर्जो रजिस्ट्री बनाकर
आधी से ज्यादा जमीन बेच दी गयी है।
जमीन की असली रजिस्ट्री ऑन अपलोड नही की
गयी। प्रथम तल सब रजिस्ट्रार इस पूरे प्रकरण पर टालामटोली कर रहे है इससे साफ
जाहिर होता है कि कोर्ट में स्थित रजिस्ट्री विभाग देहरादून के कुछ कर्मचारी मिले
हुए है और असली जमीन के रिकार्ड गायब करके उसके स्थान पर नखली कागज रख देते है। https://youtu.be/afd6DS2pwK8?
इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जाँच होनी
चाहिये।इस बात की तफदीश होनी चाहिये कि असली रिकार्ड मिटाने वाला सरकारी कर्मचारी
कौन है।
उत्तराखण्ड में यह क्या चल रहा है मरे हुये
व्यक्ति की जमीन के फर्जो दस्तावेज बनाकर जमीन बेच दी गयी इस लिंक पर क्लिक करे आप
उत्तराखण्ड का सच देख सकते है।
https://www.rajyasameeksha.com/uttarakhand/28581-land-mafia-sold-the-land-of-a-dead-man-in-dehradun
2016 में राम दत्त
मिशरा पूर्व सब रजिस्ट्रार ने असली जमीन
की रजिस्ट्री गायब करके उसके स्थान पर नखली जमीन की रजिस्ट्री रखवायी और साईन करके
अवैध रूप से जमीने बेचे गयी ।एस आई टी जाँच के बाद राम दत्त मिशरा को संस्पेड कर
दिया है और राम दत्त मिशरा कभी भी जेल जा सकते है।
जमीनो के इस फर्जोवाड़े को जड़ से खत्म करने
के लिये सीबीआई जाँच होनी चाहिये।
https://youtu.be/CvR00qotIn0?
भारत देश में आज महौल ऐसा है कि ईमानदारी
से साँस लेना मुश्किल हो रहा है भ्रष्ट सिस्टम ने वातावरण को विषैला कर दिया है।
हर पाँच साल में सरकार बनती है और हर पाँच साल में मंहगाई भ्रष्टाचार बड़ता है । विकास तो मंत्रीगणों का होता और जनता
ठगी की ठगी रह जाती है। भारत देश में राजनीति एक काला व्यवसाय है।
भू-कानून सरकार के लिये अलग और जनता के
लिये अलग है यदि कोई सरकारी जमीन खरीद कर अपना मकान बना लेता है तो पचास साल बाद
भी वहाँ अतिक्रमण लगता है और सरकारी जमीन पर बनी बस्ती पचास साल बाद भी ध्वस्त कर
दी जाती है जैसे 2024 हल्द्वानी
उत्तराखण्ड में हो रहा है और ये ही नही बेकसूरों को गोलीयों से भी भून दिया गया
अतिक्रमण के नाम पर।
अब रहा जनता के लिये कानून यदि किसी आम
आदमी की जमीन कोई 12 साल से अधिक कब्जा
कर लेता है तो वह जमीन कब्जेधारी की हो जाती है न कि उसकी जिसके पास जमीन के असली
कागजात है। यह दोगूला कानून क्यों भारत देश में जनता
केवल एक गुलाम बनकर रह चुकी है जनता के लिये जो ईमादारी से काम करेगा उसे बेकसूर
होती हुए भी जेल में डाल दिया जाएगा उहादरण के लिये मनीष सिसोदिया , संजय सिंह और सत्येन्द्र जैन है । सुप्रीम कोर्ट कहता है कि
इनके खिलाफ कोई सबूत नही है तो फिर तो इनकी गिरफ्तारी ही अवैध है आजकल ईडी भगवान
बनी बैठी है।इन्हे जमानत देने में डर किस बात का है यह कानून कब से डरने लगा क्यों
सहम रहा है कानून और किससे
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