A Muslim woman banned from dancing on the grounds of religion by a famous temple in Kerala article in hindi

 




article written by: mahendra verma

मनसिया विपी एक भरतनाटायम डान्सर है मनसिया विपी एक मुस्लिम महिला है मगर भारतीय संस्कृति उन्हे बेहद पसन्द है ।मनसिया ने भरतनाटायम ही नही बल्कि कथकली नृत्य भी सीखा है मनसिया 3&4 साल की उम्र से यह नृत्य सीखने लगी थी।

मनसिया की माता ने अपनी पृत्री को Indian classical dance सीखने के लिये प्रेरित किया और सम्पूर्ण सहयोग दिया।

मनसिया केरल राज्य की मल्लपुरम जिले की रहने वाली है। मनसिया के मुस्लिम होने के कारण मुस्लिम समिति ने मनसिया को Indian classical dance सीखने पर पांबन्दी लगानी शुरू कर दी।

केरल के एक मन्दिर में मनसिया पर भरतनाटयम प्रोग्राम में नृत्य करने पर रोक लगा दी।

क्योकि मनसिया एक मुस्लिम है

मनसिया अपने विचारों में कहती है  िक कला कांे  धर्म के आधार पर नही बॉटा जा सकता है

कला को सच्चे मन से कोई भी अपना सकता है।

कला मनुष्य की आत्मा से उत्पन्न होती है और आत्मा को धर्म के आधार पर प्रतिबन्धित करना अन्याय है।

मनसिया और उनकी बहन रूबिया जब बचपन में नृत्य सीखने जाती थी तो उन्हें मुस्लिम समिति द्वारा Indian classical dance सीखने से मना किया जाता था इस कारण रूबिया इस बात पर बड़ा अफसोस करती थी। परन्तु मनसिया के माता-पिता उन्हें समझाते थे और Indian classical dance सीखने की प्रेरणा देते थे।

भारत देश में कुछ विशेष ऐसे मन्दिर है जहॉ पर अन्य धर्म के लोगो के प्रवेश पर पाबन्दी है।

यह जो जातिवाद है यह जो मनुवाद है यह खत्म होना चाहिये क्योकि मनुवाद एक ऐसी मानसिकता को जन्म देता जो सिर्फ शोषण करना जानती है।

उत्तराखण्ड के पहाड़ो में कई ऐसी मन्दिर है जहाँ पर दलितों का प्रवेश वर्जित है। एक बार एक दलित लड़की मन्दिर में पूजा करने चली गयी तो वहाँ के पण्डित ने उस लड़की के कपड़े फाड़ दिये लड़की का कसूर इतना था कि वह दलित जाति की थी और दलितो का प्रवेश उक्त मन्दिर में वर्जित था।

भगवान ने केवल मनुष्य बनाया जातियाँ तो मनुष्य ने राजनीति करते हुए बनायी ताकि नेतागण जाति के आधार पर जनता पर राज कर सके।

मनुवाद जिसके मन में घर कर जाता है वह मनुष्य जातिवाद के कुचक्र में फँस जाता है।

फरमानी नाज नामक एक मुस्लिम गायिका ने हर-हर शिव शम्भू नामक भजन गाया जिस पर मुस्लिम उलमाओं ने नाराजगी दिखायी और फतवा जारी कर दिया और फरमानी को हिन्दु भजन गाने से मना किया इस पर फरमानी नाज बोली जब मेरे पति ने मुझे छोड़ दिया था उस समय यह उलमा कहाँ थे। जब मेरे अधिकारो का हनन हो रहा था तब मुस्लिम समाज कहाँ था। आज फरमानी नाज बेखौफ होकर हिन्दु भजन गाती है। कला का धर्म नही होता एक सच्चा कलाकार धर्म जाति के बन्धन में नही बन्धा हुआ है कला भगवान का एक तोहफा और तोहफा सिर्फ तोहफा है इसे धर्म के आधार पर मत जोड़ो।

कला को धर्म के आधार पर जोड़ना गलत है। कला की मानसिकता में जातिवाद नही होता।

लेखक महेन्द्र वर्मा के अनुसार भगवान शिव एक परम शक्ति है। शिव शम्भू को माया छू नही पाती। इसलिये वह सोने का महल त्यागकर कैलाश पर्वत पर वास करते है।

माता पार्वती ने भी सत्य को अपनाया और महलों के सुख त्यागकर सत्य रूपी कैलाश को अपनाया।

भगवान शिव का भजन जल्दी ही यटयूब पर प्रसारित होगा जो इस प्रकार है

जय शिव ओमकारा

जय त्रिपुरारी , शिव शम्भू जगत कल्याणकारी

देवो के देव महादेव शिव शम्भू

देवताओ को अमृत दान दिया

खुद विषपान किया

हे जगत कल्याणकारी तुम्हारी लीला है सबसे न्यारी

मोह माया तुम्हें छू नही पाती कैलाश पर्वत के हो तुम वासी

तुम्हारी जटा है सबके मुकुट से न्यारी

पवित्र गंगा है तुम्हारी जटाओ में जिसकी छवि है सबसे न्यारी

तुम ही सत्य हो तुम ही हो सुन्दर

 

 

 


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