केजरीवाल और राजनीति
भारत देश में राजनीति क्या है राज करने के लिये किसी भी हद तक गुजर जाना यह मनुवादी पार्टो की सोच रही है। जनता के विकास से इन मनुवादीयों को कोई मतलब नही । दिल्ली में जनता का विकास न हो जाये इसलिये एलजी को दिल्ली में बिठा दिया ताकि आम आदमी पार्टो जनता के लिये विकास के कार्य न कर पाये ।यह देश जनता का है न कि किसी मनुवादी सरकार का । आज एक घोटाला बड़ा चर्चित है दिल्ली में शराब घोटाला यह एक ऐसा घोटाला है जो केवल झूठ के आधार पर है असल में शराब घोटाला तो कुछ है ही नही रेडी की झूठी गवाही पर केवल केजरीवाल को फँसाना था और झूठा फँसा दिया।
Judiciary भी इसमें सीधें तौर पर involve है इसलिये केजरीवाल ]मनीष सिसौदिया, सत्येन्द्र जैन को जमानत नही दी जा रही है। यह पहली बार हुआ है कि किसी मुख्यमन्त्री को झूठी गवाही पर जेल भेज दिया और जमानत भी नही दी जा रही है।
केजरीवाल को शुगर है और वह बीमार है इन्हंे सबसे पहिले तो अस्पताल में एडमिट करना चाहिये । केजरीवाल की शुगर बढ़ाने के लिये इन्हंे जेल में पूड़ी व मिठाई दी जा रही है ।
अब भारत देश व उसके वासीयों का भविष्य क्या होगा । जो पार्टो जनता के लिये ईमानदारी से कार्य करेगी तो क्या इन्हें जेल में डाल दिया जायेगा। भ्रष्ट सिस्टम को मिटाने के लिये Judiciary को सबसे पहिले न्यायसंगत होना पड़ेगा।
यदि सुप्रीम कोर्ट 2024 के लोकसभा चुनाव को बैलेट पेपर से करवाने का आदेश देते तो 94 प्रतिशत वोटिग होती ईवीएम पर जनता को भरोसा नही इसलिये 19 अप्रैल 2024 को 50-55 प्रतिशत ही मतदान हुआ। जनता के मन में एक शंका उत्पन्न हो गई है कि ईवीएम से वोट क्या उसी प्रत्याशी को जायेगा जिसे हम वोट दे दे रहे है।
पहले चरण में कम वोटिग का कारण मंहगाई भी रही है। इतिहास में पहली बार टमाटर 150 रूपये प्रति किलो बिका और प्यार भी 100 रूपये का आंकड़ा पार कर गयी । आटा 40-45 रूपये प्रति किलो हो गया गैस 1000 रूपये पार कर गयी । तो जनता के मन में प्रश्न उठा कि अब चुनाव का क्या तात्पर्य जनता तो हर पाँच साल में मंहगाई की चक्की में पीसती है।
भारत देश किस दिशा की ओर अग्रसर हो चुका है। जहाँ जनता के लिये कुछ नही है।
राहुल गाँधी को रेवन्यू हाई कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई। राहुल का दोष बस इतना था कि जो नीरव मोदी, मालवीया जैसे लोग जनता का अरबो रूपया लूटकर विदेश भाग गये राहुल ने नीरव मोदी और मालवीया अडानी जैसे लोगो के खिलाफ मोर्चा खोला और जनता का पैसा वापिस बैक में मगाने के लिये आन्दोलन किया। और इसी बात की सजा राहुल गाँधी को मिली और एक मोदी लब्ज के तहत राहुल को दो साल की सजा सुना दी जो बिल्कुल असवैधानिक थी। मगर Judiciary सत्य सुनने के लिये तैयार नही ।
भारत देश में तहसील व जमीन रजिस्ट्री निबन्धक विभाग कचहरी परिसर,नगर निगम देहरादून में बिना रिश्वत के कोई कार्य होता नही। यहाँ आम आदमी अपने कागज जमा करके जमीन की रजिस्ट्री या तहसील में जमीन की पैमाईश कराने के लिये आवेदन करे तो पटवारी और काननूगो बिना रिश्वत लिये एक आम आदमी का कार्य नही करेगे। तो यह जो corrupt सिस्टम है यह इतना बढ़ता गया कि ईवीएम की मशीनों में धाँधली तक होने लगी बस मौके की तलाश corrupt सिस्टम को चाहिये ।
यदि 2024 में ईमानदारी से लोकसभा के चुनाव होती है तो इन्डिया गंठबन्धन की सरकार केन्द्र में बनेगी इसलिये आज काग्रेस हो या अन्य पार्टो तभी अपनी सत्ता कायम रख सकती है जब ईमानदारी से चुनाव हो या फिर बैलेट पैपर से चुनाव।
मगर भ्रष्ट सिस्टम ईवीएम का साथ छोड़ने के लिये तैयार नही पूरा भ्रष्ट सिस्टम ईवीएम को बचाने में लगा है। और एक दिन यह कानून भी बन जायेगा जो ईवीएम के खिलाफ जो बोलेगा उसे केजरीवाल की तरह जेल में डाल दिया जायेगा।
आज ईवीएम के कारण भारत देश का संविधान खतरे में है। जनता भी यह याद रखे जब तक संविधान है तब तक जनता के पास लोकतन्त्र है। संविधान के बिना लोकतन्त्र की कल्पना भी नही की जा सकती। बाबा साहेब अम्बेडकर ने ऐसा संविधान लिखा है जो भारत देश के प्रत्येक धर्म व जाति के लोगो को एक लोकतन्त्र दिया है। पंडित हो चाहे मुसलमान या फिर दलित संविधान के तहत सबको लोकतन्त्र मिला है।इसलिये सभी धर्म जाति के लोगो को संविधान का तह दिल से सम्मान करना चाहिये। और जो पार्टो संविधान मिटाना चाहती है वह लोकतन्त्र के लिये सबसे बड़ा खतरा है ऐसे पार्टो को जड़ से उखाड़ कर फैक देना चाहिये।
हमने बड़ी मुश्किलो से अग्रेजो से आजादी पायी है इस आजादी को बनाये रखने के लिये अपने वोट का सही इस्तेमाल करना होगा।संविधान को मनुवादी पार्टो से बचाना होगां।
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