क्या एकजुट होकर बनेगा NDA गंठबन्धन
भाजपा असमंजस में है क्या करे। क्या नीतिश
कुमार और टीडीपी प्रमुख चन्द्र बाबू नायडू एनडीए में रहेगे या फिर इन्डिया
गंठबन्धन के साथ जायेगे। नीतिश कुमार को तो गोदी बड़ा मजबूर किया और एनडीए में
शामिल किया नीतिश कुमार का एनडीए में आने से नुकसान हुआ है क्योकि नीतिश कुमार को
जो सीटे बिहार में मिला करती थी उतनी सीटे आज के दौर में नीतिश कुमार के पास कम
है। नीतिश कुमार ने बिहार के लिये बहुत कुछ किया है। मगर गोदी का साथ पकड़ने से
इनकी छवि धूमिल हुई है। क्या नीतिश के मन में यह मलाल नही है। क्या नीतिश उसे ही
समर्थन देगे जिसने कभी झूठा केस में नीतिश को फसाने की धमकी दी थी।नीतिश के मन का
मलाल मन में है। और यह ही मन की बात है।
यदि नीतिश कुमार और चन्द्र बाबू नायडू
भाजापा के साथ मिलकर सरकार बनाते है तो क्या इन दोनो की दशा उद्वव ठाकरे जैसी हो
सकती है । गोदी ने जिस प्रकार से उद्वव ठाकरे को एक किनारे कर दिया और गुटबाजी
करके उद्वव की पार्टो तोड़कर एक शिन्दे का उदय किया और फिर भाजपा ने महाराष्ट्र
में शिन्दे के साथ मिलकर सरकार बना ली । क्या उद्वव ठाकरे वाला हाल एनडीए का भी हो
सकता है।
यह जो गोदी को लोकसभा सीट मिली क्या यह
बिना हेर फेर की है इस बात की जाँच होनी चाहिए फार्म 17सी चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट के सम्मुख रखना होगा।
इलेक्ट्राल बाँन्ड का सच दुनिया के सामने लाना होगा इसके लिये जनता ने जो एनडीए की
55 सीटे दी है इन प्रत्याशियों को सोचना होगा िक वह जनता को न्याय दिलायेगा या पदों को पाने
की चाह में गुमराह हो जायेगे। कम से कम एनडीए के 55 जीते लोकसभा सदस्य को देश के लिये सोचना होगा भारतीय
संविधान को बचाना होगा। अग्निवीर की नौकरी पक्की करके उसकी रिटार्यमेन्ट 60 वर्ष करनी होगी। हर एक फौजी को समान अधिकार दिलाने
होगे।इसलिये ऐसी सरकार बनाओ जो देश हित के लिये हो। देश के टूकड़े करने के लिये
नही।
2024 के फर्जो वोटो की
सच्चाई तभी सामने आयेगी जब यह 55 विजित लोकसभा सदस्य
अधर्म का साथ छोड़कर धर्म का साथ देगे। आज ममता बेनर्जो एक सबसे बड़ा उदाहरण है कि
उन्होने अपने आत्म सम्मान की लड़ाई लड़ी है। और 2024 में एक एतिहासिक जीत हासिल की है। नीतिश कुमार और चन्द्र
बाबू नायडू को भी सत्य को अपनाना होगा। इन्डिया का साथ निभाना होगा।
अब देखना होगा देश के साथ कौन है सच्चाई के
साथ कौन है? भारत के लोगो के साथ
कौन है।
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