Chandrma

 


आज चन्द्रयान3 चन्द्रमा में पानी खनिज इत्यादि की तस्वीरे प्रस्तुत कर रहा है। तो इस तरह से जो दिखाया जा रहा है यह हिन्दु धर्म की आस्था से कोई खिलवाड़ तो नही। क्योकि चन्द्रमा हिन्दु धर्म का पूजनीय देवता है।

तो वैज्ञानिक तो चन्द्रमा की जो आज तस्वीरे दिखा रहे है इससे लोगो की आस्था पर प्रभाव पड़ेगा।अब कुछ लोग हो सकता है चन्द्रमा को देवता न माने क्योकि लोगो के सामने चन्द्रमा की ऐसी छवि प्रस्तुत की जा रही कि मानों कोई पिकनिक स्पोट हो।  चन्दा मामा अब दूर के नही टूर के हो गये है। यानि कि क्या चन्द्रमा अब देवता नही रहा अब चन्द्रमा केवल टूर के ही है। हो सकता है आने वाली पीढ़ी अब चन्द्रमा को देवता न माने और उसको केवल एक ऐसा प्लेनेट मानने लगे क्योकि उनके सामने चन्द्रमा की ऐसी तस्वीने इसरो प्रस्तुत कर रहा है जिसे देखकर लोगो की मानसिकता बदलने लगे और लोग चन्द्रमा की पूजा करना ही बन्द कर दे।तो यह सब हिन्दु धर्म की आस्था से खिलवाड़ तो नही

खोज करना गलत नही मगर चन्द्रयान3 की यह तस्वीरे लोगो की मानसिकता को विचलित कर सकती है। हो सकता है अब पत्नीयाँ करवा चौथ के व्रत में चन्द्रमा की पूजा करके अपना व्रत न तोड़े। वो जो स्त्री दिनभर व्रत रखकर भूखा रहकर चन्द्रमा की प्रतीक्षा करती है कब चन्द्रमा उदय होगे वो चन्द्रमा को केवल टूर का ही माने और चन्द्रमा को देखकर अपना व्रत न तोड़े। लोग चन्द्रमा को देवता न समझकर एक पिकनिक स्पोट मानने लगे।चन्द्रमा हिन्दु धर्म के एक सच्चे देवता है।मगर चन्द्रयान3 की तस्वीरे तो उन्हें कुछ और दिखा रही है जैसे वह केवल टूर के है। क्या चन्द्रयान3 की तस्वीरे चन्द्रमा की देवता वाली छवि बिलकुल बदल देगा।

हिन्दु धर्म मे चन्द्रमा देवता का महत्व हिन्दु धर्म की अद्वितीय परंपरा है। ज्योतिषीय ग्रहों का विशेष महत्व है। इन ग्रहो को देवताओं की तरह पूजा जाता है।चन्द्रमा देवता को आमतौर से चन्द्र के नाम भी जाना जाता है।हिन्दु धर्म में चन्द्रमा की दिव्य प्रतिष्ठा को दर्शाया है।

चन्द्र देव एक न्यायिक और प्रकाशमय देवता है। चन्द्रमा की प्रकृति की मनोहरता और मन की शान्ति को दर्शाया गया है।जिसमे चन्द्रमा की सुखद चमक का प्रतीक है।चन्द्रमा देवता की महत्व की उत्पत्ति प्राचीन पाठों और कथाओं में मौजूद है।

चन्द्र देव महर्षि अत्रि और उनकी पत्नी अनसूया के पूत्र है।

चन्द्रमा जीवन,मृत्यु और पुनर्जन्म के चक्र का प्रतीक है जो अस्तित्व के अवनिाशी चक्र की प्रतिस्पर्धी जाता है। चन्द्रमा मन और भावना से जुड़े हुए है। चन्द्रदेव मन की भावनाओ को नियन्त्रित करते है। चन्द्रेव शीतलता के प्रतीक है। चाँदनी राते चन्द्र देव से ही संचालित होती है।कार्तिक पूर्णिमा एक महत्वपूर्ण पूर्णिमा दिन चन्द्र देव की पूजा में मनाया जाता है।

करवाचौथ का त्योहार विशेष रूप से विवाहित हिन्दू महिलाओ के लिये महत्वपूर्ण है सूर्यउदय से चन्द्रउदय तक उपवास करना पड़ता है।

कवियों की प्रेम रचना में चाँद की चाँदनी को दर्शाया गया है। कवियों ने चाँद को आधार मानकर अनेक प्रेम रचनांए की है। चाँद की चाँदनी को बहुत खूबसूरती से दर्शाया गया है।

ज्योतिषीय और सास्कृतिक महत्व ज्योतिषीय दृष्टिकोण से चन्द्रमा देवता की स्थिति और उसका प्रभाव किसी के जन्म कुंडली में उसके भावनात्मक और मानसिंह रूप पर प्रभाव डालने में माना जाता है।किसी के जन्म के समय चंद्रमा की स्थिति उनके व्यक्तिगतिक स्वभाव को आकार देने में सहाय होती है उनकी पालना की भावनाएँ,अनुभूति और भावनात्मक प्रतिसाद की दिशा में अन्तर्निहित होती है।

ज्योतिष के अलावा चन्द्रमा देवता का प्रभाव विभिन्न कला रूपों,सहित्य और सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों तक फैलता है। रात्रि के साथ चन्द्रमा का गहरा रिश्ता है क्योकि चन्द्रमा रात को ही चमकता है।

आधुनिक संदर्भ में चंद्रमा देवता आधुनिक दुनिया में चंद्रमा देवता के प्रति समर्पण आज भी बढ़ रहा है।चन्द्रमा की चमकती हुई छवि आकर्षण का एक दृष्टिकोण है।

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