shayri

 


रचियता दार्शनिकः- महेन्द्र वर्मा

जिन्दगी हर कदम हर पल एक संघर्ष है

रास्ते काँटे भरे है फिर भी मंजिल को पाने का जनून है।

सच का रास्ता मेरे साथ है इसलिये दिल में सकून है

बिना काँटो पर चले मंजिल पाई नही जा सकती

खुदा ने लिखी है जो सच्चाई वो मिटाई नही जा सकती।

हाथों  पर लिखी लंकीरे मिटाई नही जा सकती।

मेरा जनून मुझे मेरी मंजिल तक जरूर पहुँचायेगा।

यह काँटो भरा रास्ता फूलों में तबदील हो जायेगा।

आखिरी विश्वास मेरा ईश्वर है जो बिना स्वार्थ के मेरे साथ है

उसके सहारे ही एक नए जीवन की तलाश है।

उसकी सहारे ही मंजिल तक पहुँचने की आस है।

जब तक साँस है तब तक आस है।

यह सच्चाई का जनून ही मेरी पहचान है।

सच्चाई से जी रहा हूँ मै यह ही मेरी मेरी पहचान है।

वक्त की आग में जलकर जो राख नही बनते

कुन्दन होते है वो लोग जो आग में जलकर निखरते है

क्योकि सोना आग मे तपकर ओंर चमकने लगता है

वक्त का साँचा उसे आग में तपाकर उसे कुन्दन बना देता है

एक अकेला कुन्दन इतिहास बदल देता है।

आजादी का एक नया सवेरा सारे जहाँ को देकर चले जाते है

वो लोग अक्सर याद आते है

इतिहास के पन्नों में अमर हो जाते है।

जय भारत देश

 

 

 


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